न्यूज़ डेस्क: मधुबनी
खुटौना: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत विभिन्न कार्यक्रमों को लेकर राज्य लेखा प्रबंधक मनोज साफी ने शनिवार को खुटौना सीएचसी का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने लौकहा अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमुल होदा एवं क्षेत्रीय लेखा प्रबंधक विकास रोशन भी उनके साथ थे। निरीक्षण के दौरान प्रसव कक्ष, अस्पताल के रखरखाव, साफ सफाई,परिवार नियोजन पखवाड़ा, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम का निरीक्षण किया गया, साथ ही लक्ष्य कार्यक्रम को लेकर समीक्षा किया गया। कार्यों के संतोषप्रद नहीं होने पर राज्य लेखा प्रबंधक के द्वारा रोष व्यक्त किया गया।

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का किया निरिक्षण :
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमुल होदा ने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम के जांच के दौरान बताया सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने के लिए गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व चार जाँच करानी जरूरी है। महिलाओं की स्वास्थ्य जाँच के लिए की गई यह व्यवस्था शिशु-मृत्यु दर में कमी लाने की बेहतर व्यवस्था है। सरकार की यह व्यवस्था मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने की दिशा में अच्छी पहल है। इससे ना सिर्फ सुरक्षित प्रसव होगा, बल्कि शिशु-मृत्यु दर पर विराम लगेगा। इसके साथ ही जच्चा-बच्चा दोनों को अनावश्यक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। सभी गर्भवती महिलाओं को आयरन एवं कैल्सियम की गोली का उचित मात्रा में सेवन करना जरूरी है। तभी गर्भावस्था के दौरान महिलाओं व उनके गर्भस्थ बच्चे का उचित शारीरिकमानसिक विकास होता है।वर्तमान समय मे जनसंख्या पर रोक लगाने के लिए व अनचाहे गर्भ ठहरने से रोक के लिए ,साथ ही साथ बच्चा पैदा करने के साथ ही तुरंत पुनः प्रेग्नेंसी की समस्याओं से बचाव के लिए गर्भवती, व धात्री महिलाओं को परिवार नियोजन की विभिन्न संसाधनों यथा, कन्डोम, माला डी, अंतरा, कॉपर टी, एवं नसबंदी, जैसे परिवार नियोजन के स्थायी व अ स्थायी साधनों की जानकारी दी गईं। इस दौरान महिला चिकित्सकों व आशा कार्यकर्ताओं द्वारा परिवार नियोजन के तरीकों से महिलाओं को अवगत कराया गया।

क्या है प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान(पीएमएसए):
सुरक्षित प्रसव व संस्थागत प्रसव को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान के तहत प्रत्येक माह की 9 व 21 तारीख को विशेष शिविर लगाकर गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व (एएनसी) जाँच की जाती है। जिसमें गर्भवती महिला अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता के सहयोग से अपने-अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए एएनसी जाँच करवाने को आती हैं। जाँच के पश्चात चिकित्सकों द्वारा गर्भवती को आवश्यकतानुसार चिकित्सा परामर्श दिया जाता है। जिसमें रहन-सहन, साफ-सफाई, खान-पान, गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सावधानियाँ, समेत अन्य चिकित्सा परामर्श विस्तार पूर्वक दिया जाता है। शिविर में जाँच कर रही मेडिकल टीम द्वारा गर्भवती महिलाओं की ब्लड, यूरिन, एचआईवी, ब्लड ग्रुप, बीपी, हार्ट-बीट आदि की भी जाँच की गई । शिविर में एएनसी जांच के लिए मौजूद महिलाओं को प्रसव अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की शारीरिक परेशानी होने पर तुरंत चिकित्सकों से जाँच कराने की सलाह दी जाती है।






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