प्रेम न जाने जाति बंधन "प्रेम न जाने रीत" कुछ इसी तरह मधुबनी जिला के लौकहा थाना क्षेत्र से एक ही गांव में रहने वाले दो अंतर्जातीय शिक्षक प्रेमी जोड़े ने घर से भागकर शादी कर ली।
कहते हैं "मियां बीबी राजी तो क्या करेगा काज़ी" कुछ ऐसा ही वाकया हकीकत में तब्दील हो गया जब करण (बदला हुआ नाम) जो कि एक सरकारी विद्यालय में बतौर शिक्षक काम करते हैं उन्होंने अपने ही गांव की रहने वाली अपनी प्रेमिका रिंकु (बदला हुआ नाम) से बीते 5 अक्टूबर को घर से भाग कर शादी कर ली।
रिंकु अभी हाल ही में बीपीएससी परीक्षा पास कर शिक्षिका बनी थी। रिंकु और करण दोनों ही दो अलग-अलग जाति से हैं और दलित वर्ग से आते हैं।
जैसे ही इस घटना की भनक गांव वालों को लगी पूरा मामला जंगल में लगे आग की तरह फैल गया। बताया जा रहा है कि लड़की के माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल है।
जब रिंकु और करण की पड़ताल करने गांव के कुछ लोग उनके ठिकाने पर पहुंचे तो पता चला दोनों ने पहले मंदिर में और फिर कोर्ट में अपनी मर्जी से शादी कर ली है।
रिंकु ने बताया कि वो बालिग है और उसे अपना जीवन साथी चुनने का अधिकार है। इधर बात फैल गई थी कि करण ने रिंकु को भगा लिया है। इस बात का खंडन करते हुए रिंकु ने कहा कि करण ने उसे नहीं भगाया बल्कि वो खुद करण को अपने साथ लेकर आई है।
रिंकु ने बताया कि पिछ्ले कई सालों से वो करण से प्यार करती थी और करण भी उससे प्यार करता था। दोनों फोन पर बातें करते और किसी तरह मिल-जुल लिया करते। उसने यह बात कभी अपने घर वालों को इस लिए नहीं बताई क्योंकि उसे लगता था कि घर वाले नहीं मानेंगे और उसका ब्याह कहीं और कर देगें। इसीलिए उन्होंने भागकर शादी करने का फैसला किया।
अभी हाल में रिंकु की नौकरी लगने पर उनके पिता फूले नहीं समा रहे थे और अरमान पाल लिया की बिटिया की नौकरी लगी है तो अब दरवाजे पर बारात बुलाकर बेटी को दुल्हन बना डोली में विदा करूंगा। लेकिन किस्मत को तो शायद कुछ और ही मंजूर था।
फिल्हाल रिंकु और करण ने अपनी-अपनी गलती मानते हुए अपने माता-पिता को संदेश भिजवाया है कि वो दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं और उन्होंने शादी कर ली है। अगर घर वाले उन्हें अपनाते हैं तो उन्हें खुशी होगी अन्यथा वे दोनों अपने हाल पर सामाजिक पारिवारिक जीवन बिताएंगे।
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